नई दिल्ली, 22 मई 2025 (अपडेटेड 11:45 AM IST)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा के बीच व्हाइट हाउस में हुई बैठक एक बड़े विवाद में बदल गई। ट्रंप ने रामफोसा पर दक्षिण अफ्रीका में श्वेत किसानों के "नरसंहार" को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया, जिसके बाद दोनों नेताओं के बीच तीखी बहस छिड़ गई। इस दौरान रामफोसा ने ट्रंप पर तंज कसते हुए कहा – "हमारे पास आपको देने के लिए कतर का गिफ्ट मिला लग्जरी प्लेन नहीं है!"
क्या हुआ व्हाइट हाउस में?
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रामफोसा 19 मई को वाशिंगटन पहुंचे थे। उनकी इस यात्रा का मकसद अफ्रीका और अमेरिका के बीच संबंधों को मजबूत करना था। लेकिन बैठक के दौरान ट्रंप ने अचानक दक्षिण अफ्रीका में नस्लीय हिंसा के मुद्दे को उठाते हुए रामफोसा पर श्वेत किसानों के खिलाफ "नरसंहार" का आरोप लगा दिया।
ट्रंप ने स्क्रीन पर एक वीडियो दिखाते हुए दावा किया कि दक्षिण अफ्रीका में हजारों श्वेत किसानों की हत्या हुई है और रामफोसा की सरकार इस पर चुप है। उन्होंने मीडिया रिपोर्ट्स की कॉपी दिखाते हुए जोर देकर कहा – "डेथ, डेथ... यह एक भयानक स्थिति है!"
रामफोसा का जवाब – "हिंसा से सभी प्रभावित"
रामफोसा ने ट्रंप के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि दक्षिण अफ्रीका में हिंसा से सभी समुदाय प्रभावित हैं। उन्होंने कहा, "यह सच है कि हिंसा बढ़ी है, लेकिन इसमें सिर्फ श्वेत ही नहीं, बल्कि अश्वेत लोग भी मारे जा रहे हैं। हमारी सरकार हर मामले की जांच करेगी।"
उन्होंने यह भी कहा कि उनकी यात्रा का उद्देश्य अमेरिका और अफ्रीका के संबंधों को सुधारना था, जो 1994 में रंगभेद युग के बाद से कमजोर हुए हैं।
"हमारे पास गिफ्ट में प्लेन नहीं!" – रामफोसा का तंज
बहस के दौरान रामफोसा ने ट्रंप पर व्यंग्य कसते हुए कहा – "हम दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, मुझे खेद है कि मेरे पास आपको देने के लिए कोई लग्जरी विमान नहीं है!" इस पर ट्रंप ने ठंडे स्वर में जवाब दिया – "काश आपके पास होता!"
यह टिप्पणी ट्रंप को कतर की सरकार से मिले 3400 करोड़ रुपये के बोइंग 747-8i रॉयल प्लेन के गिफ्ट की ओर इशारा थी, जिसे लेकर पहले भी विवाद हो चुका है।
पहले भी टेंशन रही है
फरवरी में ही ट्रंप ने दक्षिण अफ्रीका को दी जाने वाली अमेरिकी सहायता रोकने की घोषणा की थी, जिसका कारण उन्होंने श्वेत किसानों के खिलाफ "अन्याय" बताया था। रामफोसा ने तब भी ट्रंप से दक्षिण अफ्रीका के आंतरिक मामलों में दखल न देने को कहा था।
क्या यह जेलेंस्की जैसा विवाद है?
यह घटना कुछ महीने पहले हुए ट्रंप-जेलेंस्की विवाद की याद दिलाती है, जब यूक्रेन के राष्ट्रपति से बहस के बाद ट्रंप ने सैन्य सहायता रोक दी थी। क्या इस बार भी अमेरिका-अफ्रीका संबंधों पर असर पड़ेगा? विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप की यह रणनीति 2026 के चुनाव से पहले अपने "अमेरिका फर्स्ट" एजेंडे को मजबूत करने की कोशिश हो सकती है।
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