1989 का वो काला दिन: जब गृहमंत्री की बेटी के अपहरण ने बदल दिया कश्मीर का इतिहास

 

1989 का वो काला दिन: जब गृहमंत्री की बेटी के अपहरण ने बदल दिया कश्मीर का इतिहास

नई दिल्ली, 15 मई 2025 (अपडेटेड 12:30 PM IST)

दिसंबर 1989 की वो रात कश्मीर के इतिहास में एक काले अध्याय के रूप में दर्ज हो गई, जब तत्कालीन गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबैया सईद को आतंकियों ने अगवा कर लिया। यह घटना न सिर्फ एक परिवार के लिए त्रासदी थी, बल्कि इसने पूरे क्षेत्र की राजनीति को हमेशा के लिए बदल दिया।

क्या हुआ था उस रात?

  • 8 दिसंबर 1989 को रूबैया सईद को जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के आतंकियों ने अगवा किया

  • अपहरणकर्ताओं ने 5 आतंकियों की रिहाई की मांग की

  • सरकार ने 48 घंटे के भीतर मांग मानते हुए मौलाना मसूद अजहर समेत 5 आतंकियों को जेल से छोड़ा

राजनीतिक भूकंप के झटके

  1. सरकार की छवि को झटका:

    • तत्कालीन वीपी सिंह सरकार के लिए यह बड़ा विवाद बना

    • आतंकवाद के आगे झुकने का आरोप लगा

  2. कश्मीर में हिंसा का नया दौर:

    • इस घटना के बाद घाटी में आतंकवाद को बढ़ावा मिला

    • हजारों लोग सड़कों पर उतर आए

  3. मुफ्ती सईद का राजनीतिक सफर:

    • इस घटना ने मुफ्ती मोहम्मद सईद के करियर को नया मोड़ दिया

    • बाद में वे जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री भी बने

ऐतिहासिक प्रभाव

  • मौलाना मसूद अजहर बाद में जैश-ए-मोहम्मद का संस्थापक बना

  • यह घटना भारत सरकार के लिए एक बड़ा सबक बनी

  • कश्मीर में आतंकवाद नए सिरे से मजबूत हुआ

गहराई से पढ़ें:

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(यह रिपोर्ट ऐतिहासिक दस्तावेजों और विशेषज्ञों के साक्षात्कार पर आधारित है।)

कमेंट सेक्शन: क्या आपको लगता है कि सरकार को आतंकवादियों से बातचीत करनी चाहिए थी? अपनी राय साझा करें।

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