'1971 का लिया बदला, शेख हसीना को सत्ता से हटाया' - बांग्लादेश को लेकर आतंकी हाफिज सईद के संगठन का चौंकाने वाला दावा

'1971 का लिया बदला, शेख हसीना को सत्ता से हटाया' - बांग्लादेश को लेकर आतंकी हाफिज सईद के संगठन का चौंकाने वाला दावा

नई दिल्ली, 31 मई 2025: मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा (JuD) के नेताओं ने सनसनीखेज दावा किया है कि उन्होंने पिछले साल बांग्लादेश में हुए बड़े विरोध-प्रदर्शनों में भूमिका निभाई थी, जिसके परिणामस्वरूप तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से बेदखल होना पड़ा। JuD के नेता सैफुल्लाह कसूरी और संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी मुज़म्मिल हाशमी ने इस हफ्ते की शुरुआत में अपने भाषणों में यह चौंकाने वाला बयान दिया।

1971 के 'बदले' का दावा

JuD के इन नेताओं ने खुलकर बांग्लादेश के 1971 के मुक्ति संग्राम की घटनाओं का जिक्र किया और उसे भारत से 'बदला लेने' के अवसर के रूप में प्रस्तुत किया। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, कसूरी ने रहीम यार खान के इलाहाबाद क्षेत्र में समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, "मैं जब चार साल का था, तब पाकिस्तान दो हिस्सों में बंट गया था। भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कहा था कि उन्होंने दो-राष्ट्र सिद्धांत को बंगाल की खाड़ी में डुबो दिया। लेकिन 10 मई को हमने 1971 का बदला ले लिया।" यह बयान सीधे तौर पर 1971 में बांग्लादेश के निर्माण में भारत की भूमिका और पाकिस्तान की हार से जुड़ा है।

हवाई हमले में आतंकी की मौत और पाकिस्तानी अधिकारियों की भागीदारी

कसूरी ने यह भी स्वीकार किया कि 7 मई को भारत द्वारा मुरीदके (JuD/LeT मुख्यालय) पर किए गए हवाई हमले में उनका एक साथी मुदस्सर मारा गया था, जिसकी लाश के टुकड़े-टुकड़े हो गए थे। उसने अफसोस जताया कि उसे उसके जनाज़े में जाने नहीं दिया गया। हैरान करने वाली बात यह है कि मुदस्सर समेत तीन JuD आतंकियों के जनाज़े में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की शीर्ष सैन्य, पुलिस और सिविल अफसरशाही ने कैमरों के सामने शिरकत की, जो पाकिस्तान में आतंकियों को मिल रहे समर्थन पर सवाल उठाता है।

भारत के खिलाफ खुली धमकियां

कसूरी ने पाहलगाम हमले का जिक्र करते हुए कहा कि जब यह हमला हुआ तब वह अपनी विधानसभा में लोगों से मिल रहा था, लेकिन भारत ने उसे इस हमले का मास्टरमाइंड बना दिया। उसने कहा, "अब पूरी दुनिया में मेरा शहर कसूर मशहूर हो गया है। हम अगली पीढ़ी को जिहाद के लिए तैयार कर रहे हैं। हमें मरने का कोई डर नहीं।" यह बयान भारत के खिलाफ जुडी की लगातार शत्रुतापूर्ण मंशा को दर्शाता है।

दूसरी ओर, गुजरांवाला में आयोजित एक सभा में मुज़म्मिल हाशमी ने सीधे भारतीय नेतृत्व को संबोधित करते हुए दावा किया, "हमने पिछले साल बांग्लादेश में आपको हरा दिया।" हाशमी का इशारा 5 अगस्त को हुए उन विरोध-प्रदर्शनों की ओर था, जिनके बाद शेख हसीना सत्ता से बाहर हो गई थीं। रिपोर्ट के अनुसार, हसीना भारत आ गईं और तीन दिन बाद मुहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का मुख्य सलाहकार नियुक्त किया गया।

पाक-बांग्लादेश रिश्तों में सुधार और वैश्विक चिंता

हसीना की सत्ता से बेदखली के बाद पाकिस्तान और बांग्लादेश के रिश्तों में जबरदस्त सुधार आया है। पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक हुसैन हक्कानी ने इन बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि जिहादी चरमपंथियों की इस तरह की सार्वजनिक बयानबाज़ी के चलते दुनिया को यह यकीन करना मुश्किल हो जाता है कि पाकिस्तान अब इन ताकतों को प्रायोजित या समर्थन नहीं देता है। इन दावों से एक बार फिर पाकिस्तान से संचालित हो रहे आतंकी संगठनों की गतिविधियों और उनके क्षेत्रीय अस्थिरता फैलाने के प्रयासों पर वैश्विक चिंता बढ़ गई है।

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